प्रेग्नेंसी में इस वजह से हो जाता है फुट पेन, दवा से बेहतर घरेलू इलाज करते हैं काम
गर्भावस्था के दौरान शरीर के कई हिस्सों में दर्द महसूस होता है जिसमें पैर भी शामिल है। अक्सर महिलाएं प्रेग्नेंसी में फुट पेन की शिकायत करती हैं। पेट में पल रहे बच्चे के वजन और सूजन के कारण फुट पेन हो सकता है। हालांकि, दवा से बेहतर कुछ घरेलू उपायों से आप फुट पेन से राहत मिल सकती है।
प्रेग्नेंसी के दौरान बढ़ते भ्रूण को सपोर्ट देने के लिए वजन बढ़ जाता है। पेट का साइज और भ्रूण बढ़ने एवं हार्मोनल बदलावों की वजह से प्रेग्नेंसी में संतुलन बनाने की समस्या के साथ फुट पेन यानि पैरों में दर्द हो सकता है।
अधिकतर महिलाओं को प्रेग्नेंसी में पैरों में हल्का दर्द रहता है और हो सकता है कि इस समय डॉक्टर की सलाह के बिना मिलने वाली दर्द निवारक दवाएं लेना सुरक्षित न हो इसलिए आपको गर्भावस्था के दौरान फुट पेन और पैरों से संबंधित अन्य समस्याओं से राहत पाने के लिए अन्य विकल्पों के बारे में सोचना चाहिए।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं में फुट पेन का खतरा डेढ़ गुना ज्यादा होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान मुस्कुलोस्केलेटल विकारों का जोखिम भी बढ़ जाता है। प्रेग्नेंसी में फुट पेन के साथ पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना आम बात है। यह प्रॉब्लम प्रेग्नेंसी की दूसरी या तीसरी तिमाही के दौरान या डिलीवरी के बाद हो सकती है।
आइए जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में फुट पेन क्यों होता है और किस तरह आप इससे राहत पा सकती हैं।
प्रेग्नेंसी में फुट पेन के कारण
- गर्भावस्था के दौरान फुट पेन होना नॉर्मल बात है। इसके कुछ संभावित कारण हैं :
- वजन बढ़ना
- तीसरी तिहाई में पैरों पर दबाव बढ़ जाना।
- इस समय रिलैक्सिन हार्मोन रिलीज होता है जो मांसपेशियों और लिगामेंटों को रिलैक्स कर देता है। इससे पैरों में दर्द और सूजन हो सकती है।
कम चलने-फिरने की वजह से
प्रेग्नेंसी के आखिरी दिनों या हफ्तों में एक्सरसाइज की कमी या कम चलने-फिरने की वजह से पैरों में खून का प्रवाह प्रभावित हो सकता है। इससे पैरों में सूजन और दर्द हो सकता है।
पैरों में दर्द का इलाज
अगर आपको गर्भावस्था के दौरान पैरों में दर्द महसूस होता है यहां बताए गए कुछ उपाय करें :
- काम के बीच ब्रेक लेकर आराम करते रहें।
- सूजन को कम करने के लिए पैरों की मालिश करें।
- दर्द और सूजन से राहत पाने के लिए पैरों को थोड़ा ऊपर उठाकर रखें।
प्रेग्नेंसी में खूब पानी पिएं
प्रेग्नेंसी में खूब पानी पिएं। अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट के अनुसार प्रेगनेंट महिलाओं को कम से कम 8 गिलास पानी रोज पीना चाहिए। चलने और फिजिकल एक्टिविटी करने के लिए आरामदायक जूते और जुराब पहनें। इनकी वजह से रक्त प्रवाह प्रभावित नहीं होना चाहिए।
क्या गर्म सिकाई कर सकते हैं
प्रेग्नेंसी के दौरान पैरों के दर्द से आराम पाने के लिए आप गुनगुने पानी में पैरों को डालकर सिकाई कर सकते हैं। गुनगुने पानी में सेंधा नमक डालकर भी सिकाई करने से फायदा होगा।
इससे पैरों में सूजन को कम करने में मदद मिलेगी। पानी बहुत ज्यादा गर्म नहीं होना चाहिए।